Thursday, February 14, 2013

4 फरवरी 2013 का चित्र और भाव





नैनी ग्रोवर 
हाँ है मुझे तुझसे, बेहद प्यार,
तूने दिए मुझे, प्रिय दोस्त बेशुमार..

बहुत कुछ है सीखा जिनसे,
बहुत कुछ है बाकी अभी,
आकर यहाँ मिलता है चैन,
जब देखूँ, यहाँ खुश है सभी,
मिलने का सबसे, रहता है इंतज़ार ...

'' तस्वीर क्या बोले'' समहू में,
देखो क्या क्या होता है,
कभी देख तस्वीर मुस्कुराऊँ,
कभी- कभी दिल रोता है,
हर रंग के जीवन का, यहाँ है भण्डार ...

कोमल मन के, भाव यहाँ है,
इतना प्यार और कहाँ है,
लगता है के इस जहां में,
हमारा अपना एक और जहां है,
धयवाद तुम्हारा फेसबुक, करते बार-बार ...!!



बालकृष्ण डी ध्यानी 
जनमदिन फेसबुक

फेसबुक जन्म दिन
जन्म दिन उसका आज
चलो मिलकर बनाये
अपने रिश्तों का जन्म दिन
हम फेसबुक जन्म दिन के साथ

रिश्तो को जोड़ने वाली
मेरी तू फेसबुक किताब
रहे सदा सलामत तू
साथ सलामत रहे मेरा ख्याल

खोले बिना चैन नही अब
चाहों अब हर पल तेरा साथ
टैग पोस्ट लाईक में तू
अब सदा रहे तू मेरे साथ साथ

मकाम पे तू मकाम चड़े तू
मै भी चडों तेरे अब साथ साथ
परिवार का हिस्सा है तू अब
मेरे चेहरे के नुरे गुलफाम

फेसबुक जन्म दिन
जन्म दिन उसका आज
चलो मिलकर बनाये
अपने रिश्तों का जन्म दिन
हम फेसबुक जन्म दिन के साथ


ममता जोशी 
अच्छाई के साथ साथ कुछ बुराई भी है,
समय बर्बाद किया लेकिन दोस्ती भी पाई है ,
फेस बुक ने हमे अच्छे बुरे लोगों की पहचान करायी है
हम सबको एक नयी दुनिया दिखाई है ,
फेसबुक के जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई है ,


अरुणा सक्सेना 
दोस्त मिलाये नए -नए और किये दायरे छोटे
आभासी दुनिया का स्वामी नोट कमाए मोटे
हर सिक्के की भांति ही तुम दो पहलू रखते हो
लेकिन तुम हो प्रिय हमारे इस दिल में बसते हो


किरण आर्य 
फेसबुक का जन्मदिन है आया
तो सोचा हम भी दे डाले
शुभकामनाओ की सौगात
फेसबुक जहाँ मिले कुछ रिश्ते
जो सहला गए रूह को
खड़े रहते मुस्कुरा के सदा साथ
और कुछ कटु अनुभव भी हुए यहाँ
जिन्होंने आसमान से यथार्थ के
धरातल पर ला हमें पटक दिया
इन अनुभवों से ले सबक हमने
फिर बटोरा अपना साहस
चल पड़े हंसकर
जिंदगी के हसीं पथ पर
तो फेसबुक ने हकीकतो से भी
रूबरू है कराया कभी हंसाया
तो कभी जीभर रुलाया
लेकिन फिर भी इसका साथ
अब हमें है भाया
इसी ने हमें इतने प्यार करने वाले
दोस्तों से भी तो है मिलाया
वाह फेसबुक अज़ब है तेरी माया


Neelima Sharma 
हटो !! फेसबुक
जाओ नही करना मुझे विश
तुझे तेरा जन्मदिन
तूने मुझे अपना
आदि जो बना लिया
सुबह उठ'ते ही सोचती हूँ
उस दोस्त की माँ का हाल
जिसका था खांसी से हाल बेहाल
उस बच्ची की नौकरी लगी या नही
जिसने कल देना था साक्षात्कार
आज मेरी बहन जैसी मित्र
मायके से लौटी या नही
आज उस लम्पट का
कोई इनबॉक्स सन्देश तो नही
भूल गयी हूँ साथ वाली दादी को
जिसका पिछले हफ्ते ऑपरेशन था
ऊन कब से आई पढ़ी हैं
बेटे के लिए एक स्वेटर भी बुन ना था
माँ को कबसे फ़ोन नही किया
अलमारी को भी साफ नही किया
अपने अपनों को भूल रही हूँ
नए नाते जोड़ रही हूँ
जो अपनों से ज्यादा अपने हैं
मेरी आँखों में उग आये नए सपने हैं

हाँ तुम अच्छे भी हो
मैंने यह भी माना हैं
अपने अंदर की
ताक़त को पहचाना हैं
जीवन की भूलभुलैया में गुम
ज़ज्बातो का बुना ताना- बाना हैं

फिर भी तुम हो लत बुरी सी
यहाँ सपने अपने ,
अपने सपने से लगते हैं

और तुम
फेसबुक
हम सुबह शाम तेरी
पूजा करने लगते हैं


Upasna Siag 
फेसबुक ना होती
मिलती कहीं मैं एक कोने में
घिरी अपने ही अवसादों से
कोना -कोना भरा होता आंसुओं से
मुस्कुरा भी कभी-कभी ही पाती ...

फेसबुक ना होती
नयी दुनिया भी ना होती
ना ही भरती मैं नयी उडान..

फेसबुक ना होती
ना नए जीवन की राह मिलती
ना आंसू , शब्दों में ढलते
ना ही मैं मुस्कुरा पाती .......


Pushpa Tripathi 
आधुनिकता का जमाना आया
भौतिकता का निहतार्थ समझ आया l

किस्म किस्म के तकनिकी साधन
वक्त की बढती मांग है भैया
समय कम्पूटर दौड़ रही है
सीधे दिल पर, घर कर रही है l

फेसबुक का बढ़ता चलन चला है
घर घर तूती बोल रही है
बच्चे बूढ़े ... स्त्री या पुरुष
हर वर्गों में प्रचलित हुई है l

सुबह की शुरुवात, सुप्रभात से
और रजनी की शुभरात्री तक
करते गुणगान थलचर प्राणी
क्या बहुत इसमें मिसरी मिली हुई है ..?

फेन है बनते कंहा कंहा से
अन्तर्मुखी और संग दिली से
कुछ तो बहुत आत्म सत्संगी
कुछ बेवजह परेशान है करते l

चहरे पर बुरका सा पहने
जाने कौन क्या यथार्थ बताता
मेसेज बोक्स में लदे दनादन
बातों को ज्यादा सांझा ये करते l

फेसबुक है .. मन की किताब
पढ़ लेते है सब के भाव
मीठी प्यारी सी बातें करके
चोरी होती कई संवाद .....l

शुभकामनायें बधाई हमारी
फेसबुक पर देते बारी बारी
जन्म दिन मनाकर हम सब
आन्दित .... पुलकित फुलवारी


अलका गुप्ता 
फेसबुक आज मित्रता की नई मिशाल है |
अद्भुत ज्ञान विज्ञान विचारों का संगम है |
बहुतों के खाली वख्त का नया अंजाम है |
शुकिया fbरचनात्मक तुम्हारा अंदाज है ||

मिल ना पाते हम इतने अच्छे मित्रों से कभी |
माना बहुतों से हम रु-ब-रु नहीं फिर भी जुड़े हैं |
माना दोस्ती का आधार विशवास है जो यहाँ ...
टाइम पास नशा ये स्वप्न सागर का गोता है ||

फेसबुक नेट मोह माया का अद्भुत फसाना है |
फिर भी बहुत से अच्छे साथियों की मिसाल है |
हम सब समृद्ध सफल दोस्ती का आधार बने |
मिसाल बने दोस्ती फेसबुक की भी अरमान है ||


प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल 
फेसबुक की बात

पहले जुड़े तुझसे जैसे हो मेहमान
मिला हमें यहाँ फिर बहुत अपनापन
फेसबुक तेरा है ये हम पर अहसान
मित्रो को जोड़ जैसे दिया तूने वरदान

जिसको देखा न था अब अपना लगता है
तेरे बिन फेसबुक अब सब सूना लगता है
पढ़ना लिखना साँझा करना अच्छा लगता है
कुछ मित्रो का साथ अब यहाँ सच्चा लगता है

सभी पास लगते है देखते जब चित्रावली है
प्रेम की भाषा कई मित्रो ने अबअपना ली है
मित्रो के बिना अब लगता हर पल खाली है
सच अब तूने आदत हमारी बिगाड़ डाली है



सभी रचनाये पूर्व प्रकाशित है फेसबुक के समूह "तस्वीर क्या बोले" में https://www.facebook.com/groups/tasvirkyabole/

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